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Navratri Essay in Hindi : Navratri 2020 Pooja, Wishes, Quotes, Colour, Images, Videos


Published on Nov 15, 2020

Navratri Essay in Hindi : Navratri 2020 Pooja, Wishes, Quotes, Colour, Images, Videos

Navratri Essay in Hindi : Navratri 2020 Starts on October 17, Saturday Navrati ends with Saraswati Visarjan on October 23, Friday. The tenth day is Dussehra , which falls on October 25, Sunday.

Sharad Navratri 2020 or Maha Navratri is commonly celebrated during the Indian month of Ashvina that commences from the first day of the lunar fortnight. As per the English calendar, it usually falls in the months of September and October.

The Festival is celebrated for nine nights and devotees pray, take part in the Dandiya Raas and Garba and offer prasad to please Goddess Durga.




Navratri Essay in Hindi

हमारे देश में नवरात्रि पूजा अपना एक खास स्थान रखता है. यह साल में 4 बार पौष, चैत्र, आषाढ और आश्विन माह में आता है. यह एक हिन्दू पर्व है जो संस्कृत शब्द से मिलकर बना है. नवरात्र को हिंदी में नौ रातें कहा जाता है. नवरात्री के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है और इसके अगले दिन दशहरा आता है.

नवरात्रि के नौं रातों में 3 देवियों महालक्ष्मी, महासरस्वती और दुर्गा के नौं रूपों की पूजा की जाती हैं. जिसे नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता हैं. दुर्गा का मतलब है – जीवन के दुःख को दूर करने वाला. नवरात्रि पुरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं.

नाम – नवरात्रि
अन्य नाम – नराते और नवरात्र
अनुयायी – हिन्दू भारतीय और भारतीय प्रवासी
शुरुआत – चैत्र माह और अश्विन माह
तिथि – नवमी तिथि से शुरू
समान पर्व – शिवरात्रि

नवरात्रि पूजा की नौ देवियाँ प्रसिद्ध हैं जो इस प्रकार है :

1. शैलपुत्री – शैलपुत्री यानी पहाड़ो की रानी
2. ब्रमचारिणी – ब्रम्हचारिणी
3. चंद्रघंटा – चाँद की तरह चमकने वाला
4. कुष्मांडा – पूरा विश्व उनके पैरों में विराजमान हैं
5. स्कंदमाता – कार्तिक स्वामी की माता
6. कात्यानी – कात्यायन आश्रम में जन्म लेने वाले
7. कालरात्रि – काल का नाश करने वाली
8. महागौरी – सफेद रंग वाली माता
9. शिधिदात्री – सर्व सिद्धि देने वाली

 

शक्ति और उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक नौं तिथि नौं नक्षत्र नौं शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जाता हैं. सबसे पहले श्री राम जी ने नवरात्रि पूजा समुद्र तट पर की थी और उसके बाद उन्होंने 10वें दिन लंका पर चढ़ाई शुरू की थी. तब से नवरात्री असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाने लगा.

माता दुर्गा के नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं, नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती हैं. ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने वाली होती है. नवदुर्गा और दस महाविधाओं में काली माता ही प्रथम हैं. भगवान शिव की शक्तियों में उग्र और सौम्य दो रूपों में अनेक रूप धारण करने वाली दश्महविदिया अनंत सिद्धियाँ प्रदान करने में समर्थ हैं.

देवता, मानव सभी इनकी पूजा कृपा के बिना पंगु हैं इसलिये आगम-निगम दोनों में इसकी उपासना समान रूप से वर्णित हैं. सभी देव, राक्षस, मनुष्य और गंधर्व इनकी कृपा प्रसाद के लिये लालायित रहते हैं.

भारत में नवरात्रि अनेक राज्यों में अलग-अलग ढंगों से मनाई जाती हैं. गुजरात में इस उत्सव को बड़े समारोह नवरात्रि डांडिया और गरबा के रूपों में मनाई जाती हैं. वहां पूरी रात कार्यक्रम चलता हैं. आरती से पहले देवी के सम्मान में गरबा और आरती के बाद डांडिया समारोह किया जाता हैं बंगाल में दुर्गा पूजा की खूब धूम रहती हैं और साउथ इंडिया में राजसी कवाटर को पुरे महीने में प्रकाशित करके मनाया जाता हैं.

नवरात्रि के मौके पर अपन आहार का पालन करें :

* खाना पकाने के लिये आम नमक के बजाय सेंधा नमक का उपयोग करना चाहिए.
* भुनकर उबालकर और भाप पिसने से जैसे खाना पकाने के तरीके का प्रयोग करें.
* इस मौके पर सिर्फ शाकाहारी खाना खाये.
* पहले कुछ दिनों तक फल ही खाये और अनाज को अपने खाने से दूर रखें.
* तले हुए और भारी खाना खाने से बिल्कुल दूर ही रहें इसी में आपकी भलाई हैं.
* नवरात्रि के मौके पर तो प्याज और लहसुन से वंचित रहें.

नवरात्री पर धार्मिक क्रिया :

नवरात्रि के मौके पर नवरात्रि को 3 भागों में बाँटा जा सकता हैं उसमे पहले 3 दिन तमस को हैं. दुसरे 3 दिन रजस को व तीसरे सत्व की आराधना के हैं, आखिरी दिन दशहरा हैं. जिस दिन महामाया को प्रकट करते हैं तब बल बढ़ाने के लिये उपासना करनी चाहिए. संसार में शक्ति के बिना कोई काम सफल नहीं होता हैं.

चुनाव में भी देखों तो हार-जीत तो होती ही रहती हैं, ऐसा नहीं है कि यह आदमी अच्छा हैं इसलिये चुनाव में जीत गया और वह आदमी बुरा हैं इसलिए चुनाव हार गया. चुनाव में जितने के लिये जिसने ज्यादा शक्ति लगाई हो तो उसके जितने के चांस ज्यादा होते हैं, कई लोग भगवान सूर्य की उपासना करके चित्त को शांत करके अपने जीवन को तेजस्वी बना लेते हैं तो गणपति बाप्पा मोरिया करके चित्त को खुश और आनंद से भर देते हैं.

उपासना से शांति, ख़ुशी और जोश मिलता हैं उसका बल और दिमाग बढ़ता हैं और तभी आत्मज्ञान के वचन और पचाने का अधिकारी बनता हैं. ऐसा अधिकारी महापुरुषों के अनुभव को अपना अनुभव बना लेते हैं.

नवरात्रि में होती है धन लक्ष्मी प्राप्ति –

जैसा कि आप सब जानते हैं कि नवरात्रि में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की 9 दिन तक पूजा की जाती है। नवरात्रि के प्रथम तीन दिन माँ दुर्गा को समर्पित होते हैं। इन तीन दिनों में माँ दुर्गा की विशेष पूजा होती है। माँ दुर्गा शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती हैं।

माँ दुर्गा के कई नामों में से एक नाम “शक्ति” भी है।

नवरात्रि के अगले तीन दिन माँ लक्ष्मी को समर्पित होते हैं। इन तीन दिनों में विशेष पूजा करें क्योंकि ये माँ लक्ष्मी के दिन हैं। जिन घरों में इन तीन दिन की विशेष पूजा होती है वहां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी जी धन और संपत्ति की दात्री हैं।

नवरात्रि के अगले तीन दिन माँ सरस्वती को समर्पित होते हैं। माँ सरस्वती ज्ञान और बुद्धि प्रदान करती हैं।

माँ सरस्वती बह्मा जी की पुत्री हैं उन्हें “ज्ञान की देवी” भी कहा जाता है। शक्ति और धन की प्राप्ति के बाद माँ सरस्वती इन सब पर नियंत्रण के लिए ज्ञान प्रदान करती हैं।

मित्रों नवरात्रि केवल एक पर्व नहीं है बल्कि ये नौ दिंनो की एक देवी उपासना है जिसमें विशेष बल होता है और ये उपासना शारीरिक, शैक्षिक और बौद्धिक शक्ति प्रदान करती है।

आप सबको हिंदीसोच की तरफ से नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें, माँ दुर्गा आपकी और आपके परिवार की रक्षा करें…

Dates and Celebrations of Navaratri 2020

According to some Hindu texts such as the Shakta and Vaishnava Puranas, Navaratri theoretically falls twice or four times a year. Of these, the Sharada Navaratri near autumn equinox (September–October) is the most celebrated and the Vasanta Navaratri near spring equinox (March–April) is the next most significant to the culture of the Indian subcontinent. In all cases, Navaratri falls in the bright half of the Hindu lunisolar months. The celebrations vary by region, leaving much to the creativity and preferences of the Hindu.

Sharada Navaratri:

The most celebrated of the four Navaratri, named after Sharada which means autumn. It is observed the lunar month of Ashvin (post-monsoon, September–October). In many regions, the festival falls after the autumn harvest, and in others during harvest.

Vasanta Navaratri:

The second most celebrated, named after vasanta which means spring. It is observed the lunar month of Chaitra (post-winter, March–April). In many regions the festival falls after spring harvest, and in others during harvest.

The other two Navratris are observed regionally or by individuals:

Magha Navaratri :

in Magha (January–February), winter season. The fifth day of this festival is often independently observed as Vasant Panchami or Basant Panchami, the official start of spring in the Hindu tradition wherein goddess Saraswati is revered through arts, music, writing, kite flying. In some regions, the Hindu god of love, Kama is revered.

Ashada Navaratri :

in Ashadha (June–July), the start of the monsoon season.

The Sharada Navaratri commences on the first day (pratipada) of the bright fortnight of the lunar month of Ashvini. The festival is celebrated for nine nights once every year during this month, which typically falls in the Gregorian months of September and October. The exact dates of the festival are determined according to the Hindu lunisolar calendar, and sometimes the festival may be held for a day more or a day less depending on the adjustments for sun and moon movements and the leap year.

The festivities extend beyond goddess Durga and god Rama. Various other goddesses such as Saraswati and Lakshmi, gods such as Ganesha, Kartikeya, Shiva, and Krishna are regionally revered. For example, a notable pan-Hindu tradition during Navaratri is the adoration of Saraswati, the Hindu goddess of knowledge, learning, music, and arts through Ayudha Puja. On this day, which typically falls on the ninth day of Navaratri after the Good has won over Evil through Durga or Rama, peace and knowledge is celebrated. Warriors thank, decorate and worship their weapons, offering prayers to Saraswati. Musicians upkeep their musical instruments, play and pray to them. Farmers, carpenters, smiths, pottery makers, shopkeepers and all sorts of tradespeople similarly decorate and worship their equipment, machinery, and tools of trade. Students visit their teachers, express respect and seek their blessings.This tradition is particularly strong in South India, but is observed elsewhere too.

Summary

Navaratri is celebrated in different ways throughout India.Some fast, others feast. Some revere the same Mother Goddess but different aspects of her, while others revere avatars of Vishnu, particularly of Rama. The Chaitra Navaratri culminates in Rama Navami on the ninth day and the Sharada Navaratri culminates in Durga Puja and Dussehra.

The Rama Navami remembers the birth of Rama, preceded by nine days of Ramayana recital particularly among the Vaishnava temples. In the past, Shakta Hindus used to recite Durga's legends during the Chaitra Navaratri, but this practice around the spring equinox has been declining. For most contemporary Hindus, it is the Navaratri around the autumn equinox that is the major festival and the one observed. To Bengali Hindus and to Shakta Hindus outside of eastern and northeastern states of India, the term Navaratri implies Durga Puja in the warrior goddess aspect of Devi. In other traditions of Hinduism, the term Navaratri implies something else or the celebration of Hindu goddess but in her more peaceful forms such as Saraswati – the Hindu goddess of knowledge, learning, music, and other arts. In Nepal, Navaratri is called Dasain, and is a major annual homecoming and family event that celebrates the bonds between elders and youngsters with Tika Puja, as well as across family and community members


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