Published on Oct 08, 2021
Small Poem on Mother in Hindi : Mother’s Day is a celebration honoring the mother of the family, as well as motherhood, maternal bonds, and the influence of mothers in society. It is celebrated on various days in many parts of the world, most commonly in the months of March or May. It complements similar celebrations honoring family members, such as Father's Day and Siblings Day.
Mothers Day in 2021 is on May 09, 2021
Our happy Mother’s day messages and greetings will help you find the perfect words to thank your mom for all she’s done for you and wish her a wonderful day!
हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ….
कभी डाँटती है हमें, तो कभी गले लगा लेती है माँ…..
हमारी आँखोँ के आंसू, अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है माँ…..
अपने होठोँ की हँसी, हम पर लुटा देती है माँ……
हमारी खुशियोँ मेँ शामिल होकर, अपने गम भुला देती है माँ….
जब भी कभी ठोकर लगे, तो हमें तुरंत याद आती है माँ…..
दुनिया की तपिश में, हमें आँचल की शीतल छाया देती है माँ…..
खुद चाहे कितनी थकी हो, हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती है माँ….
प्यार भरे हाथोँ से, हमेशा हमारी थकान मिटाती है माँ…..
बात जब भी हो लजीज खाने की, तो हमें याद आती है माँ……
रिश्तों को खूबसूरती से निभाना सिखाती है माँ…….
लब्जोँ मेँ जिसे बयाँ नहीँ किया जा सके ऐसी होती है माँ…….
भगवान भी जिसकी ममता के आगे झुक जाते हैँ
– द्वारा कुसुम
मेरे सर्वस्व की पहचान
अपने आँचल की दे छाँव
ममता की वो लोरी गाती
मेरे सपनों को सहलाती
गाती रहती, मुस्कराती जो
वो है मेरी माँ।
प्यार समेटे सीने में जो
सागर सारा अश्कों में जो
हर आहट पर मुड़ आती जो
वो है मेरी माँ।
दुख मेरे को समेट जाती
सुख की खुशबू बिखेर जाती
ममता की रस बरसाती जो
वो है मेरी माँ।
-देवी नांगरानी
मैं अपने छोटे मुख कैसे करूँ तेरा गुणगान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
माता कौशल्या के घर में जन्म राम ने पाया
ठुमक-ठुमक आँगन में चलकर सबका हृदय जुड़ाया
पुत्र प्रेम में थे निमग्न कौशल्या माँ के प्राण
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
दे मातृत्व देवकी को यसुदा की गोद सुहाई
ले लकुटी वन-वन भटके गोचारण कियो कन्हाई
सारे ब्रजमंडल में गूँजी थी वंशी की तान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
तेरी समता में तू ही है मिले न उपमा कोई
तू न कभी निज सुत से रूठी मृदुता अमित समोई
लाड़-प्यार से सदा सिखाया तूने सच्चा ज्ञान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
कभी न विचलित हुई रही सेवा में भूखी प्यासी
समझ पुत्र को रुग्ण मनौती मानी रही उपासी
प्रेमामृत नित पिला पिलाकर किया सतत कल्याण
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
‘विकल’ न होने दिया पुत्र को कभी न हिम्मत हारी
सदय अदालत है सुत हित में सुख-दुख में महतारी
काँटों पर चलकर भी तूने दिया अभय का दान
माँ तेरी समता में फीका-सा लगता भगवान
जगदीश प्रसाद सारस्वत ‘विकल’
1. दुनिया की सबसे बहेतरीन चीज क्या होती है,
सब कहते है की जान होती है,
पर मेरी जान जिसमें बसी है वो,
इश्वर का सबसे बहेतरीन सृजन माँ होती है ।
2. वह माँ ही है जिसके रहते
जिंदगी में कोई गम नहीं होता
दुनिया साथ दे या ना दे पर
माँ का प्यार कभी कम नहीं होता
3. ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं
4. दिन भर की मशक़्क़त से बदन चूर है लेकिन
माँ ने मुझे देखा तो थकान भूल गई है
5. तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले
6. तुम क्या सिखाओगे मुझे प्यार करने का सलीका
मैंने माँ के एक हाथ से थप्पड़ तो दुसरे हाथ से रोटी खायी है
7. जब हमें बोलना नहीं आता था तो माँ समझ जाती थी
आज हम हर बात पर कहते हैं माँ तू नहीं समझेगी
8. मैं जो कुछ भी हूँ या होने की आशा रखता हूँ उसका श्रेय सिर्फ मेरी माँ को जाता है
9. माँ भगवान का ही रूप होती है
10. भगवान सभी जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने माँ को बनाया
11. मातृत्व – सारा प्रेम वहीँ से आरम्भ और अंत होता है
12. माँ और क्षमा दोनों एक हैं
क्यूंकि माफ़ करने में दोनों नेक हैं
13. उम्रभर ओ माँ तू मोहब्बत से मेरी खिदमत रही
अब मैं खिदमत लायक हुआ तो तू चल बसी
14. ये लाखों रूपए मिट्टी हैं
उस एक रुपये के सामने
जो माँ हमें स्कूल जाते समय देती थी
15. बचपन में चोट लगते ही माँ हल्की फूंक मारकर कहती थी बस ठीक हो जायेगा
वाकई माँ की फूंक से बड़ा कोई मरहम नहीं बना
16. माँ ने आखिरी रोटी भी मेरी थाली में परोस दी,
जानें क्यों फिर भी मंदिर में भगवान ढूढ़ता हूँ मैं
माँ के दिल जैसा दूनियाँ में कोई दिल नहीं…)
According to History.com, Mother’s Day dates back to ancient Greeks and Romans who celebrated in the honour of mother goddesses Rhea and Cybele. However, modern reference to the day can be found in Mothering Sunday, which was the fourth Sunday in Lent celebrated in the UK and some parts of Europe.
The festival was religious in nature as on Mothering Sunday, people used to visit their main church, also known as the mother church.
Finally, the second Sunday of May was designated as Mother’s Day due to the efforts of Anna Jarvis who wrote to political leaders for inclusion of Mother’s Day in the national calendar. Her efforts came to fruit when US President Wilson made Mother’s Day official in 1914.
The occasion is considered important as motherhood is celebrated on this day. People celebrate Mother’s Day by giving presents to their mothers or by doing something special for them. There are a number of things people can do for their mothers if they are living together at the time of the global pandemic.